नमस्कार देवियों और सज्जनों , मैं पुनः आप सभी लोगों के मध्य “ स्वस्थ भारत...स्वस्थ समाज ” की अवधारणा को नया आयाम देने के उद्देश्य से एक नए स्वास्थ्य विषय “ जलौका रक्तावसेचन चिकित्सा ” , को लेकर उपस्थित होते हुए , आप सभी का अभिनंदन करता हूॅं ।
जिसे हम LEECH THERAPY तथा “ जोंक द्वारा पुराने रोगो की चिकित्सा ” कह सकते हैं । मित्रों आइए जानने की कोशिश करते हैं - LEECHES / जोंक द्वारा कैसे और किन - 2 रोगों की चिकित्सा संभव हैं ?
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Diseases in which Leech Therapy helpful.. video link below
https://youtu.be/qfSgj2OCCs4 by साकेत गर्ग/mob. 08439017594
LEECH THERAPY / जलौका चिकित्सा का सामान्य परीचय -
प्राय: यह देखा गया हैं कि अधिकतर हमारे शारीरिक रोगों के कारण में , वातादि दोषों द्वारा रक्त का दूषित होना एक सामान्य कारण होता हैं । रक्त दूषण की ऐसी अवस्था में रक्त आश्रित वात - पित्त - कफ आदि दोषों को शोधन और शमन चिकित्सा द्वारा नियंत्रित कर सामान्य किया जाता हैं । शमन चिकित्सा , संतुलित आहार - बिहार और औषधि पर आधारित होती हैं , किंतु बहुत बार रोगों में वातादि दोष इतने प्रकुपित हो जाते हैं कि उन्हें शमन चिकित्सा के द्वारा हम सामान्याव्यवस्था में नहीं ला सकते , ऐसी अवस्था में रक्त की शोधन चिकित्सा , कुशल और प्रशिक्षित आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा ही दोषों को सामान्य अवस्था में लाया जा सकता हैं ।
प्राचीनतम काल में विश्वमित्र के पुत्र आचार्य सुश्रुत द्वारा लिखित “ सुश्रुत संहिता ” , धनवंतरी संप्रदाय की उत्कृष्ट शल्य विषय आधारित उत्कृष्ठ संहिता हैं । जिसका काल प्राय: दूसरी सदी सुनिश्चित हैं । सुश्रुत संहिता सूत्रस्थान अध्याय 13 में वातादि दोषों द्वारा दूषित रक्त की शोधन चिकित्सा का विस्तृत और अतुलनीय वर्णन किया गया हैं । अतः प्राचीनतम काल से ही हमारे ऋषि मुनियों और आचार्य चिकित्सकों द्वारा जोंक / जलौका / Leech का इस्तेमाल रक्त को शुद्ध करने और उसके उपरांत रोगों की चिकित्सा में किया जाता रहा हैं ।
Complete Leech Therapy ..... Video link below
जलौकाएं प्राय: संपूर्ण विश्व में मुख्यत: भारतवर्ष में , वर्षा ऋतु के समय , अधिकतर कम गहरे साफ और पथरीली - हरियाली वाली भूमि जैसे झरने , तालाब , कम गहरी नदियां , तराई प्रदेश - वन आदि में पाई जाती हैं और ये ही जलौका के मुख्य आश्रय स्थान होते हैं । जलौकाएं प्राय: 12 प्रकार की , जिसमें 6 प्रकार सविष और 6 प्रकार निर्विष बताए गए हैं । अतः कुशल आयुर्वेद चिकित्सक के द्वारा ही निर्विष जोंक द्वारा ही रोगों की चिकित्सा करानी चाहिए । मात्र तभी रोगों की जलौका चिकित्सा में उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं ।
जलौका रक्तावसेचन चिकित्सा / Leech Therapy द्वारा साध्य रोग -
1. #Hair fall etc.
2. #Migraine
3. #Sinusitis
4. #Psoriasis
5. #Eczema
6. #Acne
7. #Dark pigmentation
8. #Thrombosed piles
9. #Varicose vein
10. #Vericocele
11. #Pain
12. #Rheumatoid arthritis
13. #Gout
14. #Lumbar spondylitis
15. #Cervical spondylitis
16. #Hyper cholesterol etc.
ऊपर बताए गए प्राय: सभी रोगों की जलौका चिकित्सा , आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में अगर उत्कृष्ट और सतत चिकित्सा की जाए तो बेहतर और उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं ।
Contraindications of Leech Therapy -
जलौका चिकित्सा कुछ विशेष परिस्थितियों में रोगियों द्वारा ग्राह्य नहीं होती हैं , जैसे -
1. Varmiphobia
2. Low platelet count
3. Haemophilia
4. Anemia
5. Low blood pressure
How leech sucks blood ?.......Video link below
धन्यवाद ।
Note - उपरोक्त लेख , केवल “ स्वास्थ्य जन जागरूकता ” के उद्देश्य से लिखा गया हैं , जिसमें किसी भी प्रकार की निजी अथवा चिकित्सीय त्रुटि हेतु लेखक क्षमा प्रार्थी हैं।
Good comment sir
ReplyDeleteName of your please
Deletehttps://youtube.com/channel/UCaJLupTotIxYID3lPUCvWFQ
Please ###Subscribe channel### in favor of yours better health & स्वदेशी आयुर्वेद चिकित्सा by साकेत गर्ग/सहारनपुर/भारत