नमस्कार,
सभी नारी शक्ति को पुनः सादर नमन । देवियों आज एक बहुत ही गंभीर किंतु आधुनिक युग में बहुत ही सामान्य रोग , जो हमारी नारी शक्ति के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से निरन्तर प्रभावित कर रहा है । ऐसे ही रोग पर मैं आज आप लोगों के समक्ष विचार-विमर्श करने जा रहा हूॅं । देवियों इस रोग से आप शायद चित-परिचित भी होंगी, यह रोग हैं - PCOD / पीसीओडी ,जिसे आप सामान्य भाषा में ‘ पानी वाली गांठ ’ के नाम से भी जानते हैं ।
जहॉं आज आधुनिक समय में हम लोग बहुत सुख-सुविधाओं के आदी हो गए हैं , वहीं यह भी कटु सत्य है कि इन सुख-सुविधाओं का उपयोग करते हुए , हम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से प्रतिक्षण-प्रतिदिन कमजोर होते जा रहे हैं । स्वास्थ्य सुविधाएं तो बढ़ी हैं , लेकिन उसके बावजूद भी एकाकी रूप से हमारे स्वास्थ्य में कई नकारात्मक परिवर्तन अथवा आयाम आए हैं और इसका मुख्य कारण अधिक सुख-सुविधाओं के अनुरूप हमारे शारीरिक परिश्रम में बहुत बड़ी कमी आई हैं , क्योंकि आज के जन-जीवन में हम अपने सभी शारीरिक कार्यों का क्रियान्वयन , मशीनों के द्वारा करने लगे हैं और महिलाओं पर इस आधुनिक और दूषित जीवन-शैली का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा हैं । PCOD/पीसीओडी उसी नकारात्मक प्रभाव की उपज व्याधि बन कर उभरी हैं ।
आपको जानकर आश्चर्य होगा , कि PCOD से शादीशुदा महिलाएं ही नहीं अपितु Teenagers/अविवाहित लड़कियां भी रोग ग्रस्त हो रही है , क्योंकि हमारी दिनचर्या बहुत दूषित हो चुकी है , जैसे - प्रातःकाल देर से उठना , रात को देर से सोना , नाश्ते में फास्ट फूड आदि का सेवन करना , पेस्टिसाइड युक्त आहार का सेवन करना , लंच - डिनर में किसी भी प्रकार का संतुलित आहार ना लेना , अपितु इसकी जगह ब्रेड , चाऊमीन , बर्गर , स्प्रिंग रोल , पिज्जा आदि , दूषित आहार - शैली का अभीन्न अंग बन गए हैं । कम उम्र की लड़कियों और कुछ हद तक विवाहित महिलाओं द्वारा ऐसी जीवन शैली को स्वीकृत कर लिया गया हैं । किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम , सुबह की व्यायाम , योग , दैनिक कार्य खुद करना आदि , यह कुछ ऐसे कार्य हैं , जिनसे आधुनिक नारी शक्ति ने कहीं ना कहीं , कुछ ना कुछ हद तक दूरी बना ली हैं और इन कार्यों का स्थान मशीनों या अन्य मानवीय सहायक संसाधन/Maid/Helper द्वारा ले लिया गया हैं ।
देवियों मेरी बातों को सामाजिक रुप से ना लेकर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्वीकृति प्रदान कीजिएगा और इस स्वास्थ्य जागरूकता बेला को आगे बढ़ाते हुए , मैं PCOD/पीसीओडी के कुछ सामान्य लक्षण आप लोगों को बता रहा हूॅं । अगर आपके शरीर में ये लक्षण दर्शित होते हैं तो यह सुनिश्चित है कि आप PCOD/पीसीओडी नाम की व्याधि से रोग ग्रस्त हो चुकी हैं या ग्रस्त होने की अधिक संभावनाएं हैं । जैसे -
PCOD के सामान्य लक्षण -
1. चेहरे पर मुहांसों / Acne का अधिक होना ।
2. शरीर में मुख्यतः चेहरे पर बालों का ज्यादा होना ।
3. आवाज का पहले से ज्यादा भारी / मोटी हो जाना ।
4. शरीर के वजन में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हो जाना ।
5. मासिक धर्म में अनियमितता होना ।
6. आप के नाभी के नीचे पेढू में दर्द होना ।
7. आपकी कमर में दर्द होना ।
8. व्यवहार में आश्चर्यजनक आक्रामक और गुस्से जैसे मानसिक परिवर्तन का होना ।
9. बन्ध्या अथवा बच्चे पैदा ना होना आदि जैसी विकट सामाजिक समस्या का उत्पन्न होना ।
देवियों अगर उपरोक्त में से आपको अपने शरीर में कुछ लक्षण दर्शित होते हैं तो यह आवश्यक हो जाता है कि आप अपनी दूषित और आधुनिक जीवन शैली में अचूक धनात्मक परिवर्तन करें और अधिक शारीरिक श्रम पर बल देते हुए , दूषित आहार प्रणाली को त्याग दें । अगर उपरोक्त से भी आपको स्वास्थ्य में धनात्मक लाभ प्राप्त नहीं होता तो आवश्यक है कि आप शीघ्र ही किसी कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा ‘ आयुर्वेद चिकित्सक ’ द्वारा परामर्श प्राप्त , अपने रोग का निदान करें ।
PCOD/पीसीओडी में जहॉं तक कि मेरा अपना निजी अनुभव है आयुर्वेद चिकित्सा सुरक्षित, सरल और प्रभावी चिकित्सा हैं । आपसे अनुरोध है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या की चिकित्सा पंजीकृत एवं प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा ही कराएं , क्योंकि आपका और आपकी सुपुत्री का स्वास्थ्य अनमोल हैं और जो इस देश और समाज की अग्रिम धरोहर हैं। अतः आवश्यक हो जाता है कि स्त्रियों को पूर्ण रूप से स्वस्थ रहना चाहिए ताकि वह परिवार , समाज और देश के विकास और समृद्धि में रीड़ की हड्डी के समान मील का पत्थर साबित हो ।
Note : उपरोक्त लेख केवल स्वास्थ्य जागरूकता को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है किसी भी प्रकार की सामाजिक अथवा चिकित्सीय त्रुटी हेतु लेखक क्षमा प्रार्थी हैं ।
धन्यवाद ।
11.30 P. M. Or 5.55 P. M./..-..-21
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