देवियों और सज्जनों को मेरा पुनः “ स्वस्थ भारत...स्वस्थ समाज ” की अवधारणा को अग्रसर करते हुए , सहृदय नमन और आप सभी का पुनः अभिनंदन । मित्रों आज का स्वास्थ्य का विषय हैं - NAFLD जिसे हम सामान्य भाषा में “ Fatty Liver ”और आधुनिक विज्ञान में Hepatic Steatosis तथा आयुर्वेद के दृष्टिकोण से “ कफ - मेद बाहुल्य यकृदाल्योदर ” कहते हैं ।
देवियों और सज्जनों , हमारे आधुनिक समाज में जहां नित्त-प्रतिदिन मानसिक और तकनिकी विकास ने एक नया आयाम स्थापित किया हैं , वहीं नकारात्मक दृष्टिकोण से शारीरिक रोगों को और अधिक कष्टप्रद बनाने में , आधुनिक दूषित जीवन शैली / Modern Sedentary Life Style , फास्ट फूड कल्चर , और दूषित आहार - प्रणाली एवं दिनचर्या , आवश्यकता से अधिक - निरर्थक एंटीबायोटिक , स्टेराॅयड , दर्द निवारक (Unnecessary and over use of Antibiotics , Steroids , Painkiller) Allopathic Medicine आदि ने अपनी महत्वपूर्ण नकारात्मक भूमिका को अंजाम दिया हैं । इन्हीं उपरोक्त कारणों की वजह से समाज का एक बड़ा वर्ग क्रमशः यकृत संक्रमण / Liver Infection , यकृतशोथ / Liver Inflammation , और अन्ततः यकृत कोशिकीय क्षति / Liver Cells (Hepatocytes) Necrosis के कारण Adipose Tissue Mal-metabolism से यकृतवृद्धि / Hepatomegaly / NAFLD / Fatty Liver / Hepatic Steatosis रोग से रोगग्रस्त हो चुका हैं ।
आइए विचार विमर्श करते हुए जानने का प्रयास करते हैं कि यकृतवृद्धि / Hepatomegaly / Fatty Liver / NAFLD / Hepatic Steatosisरोग के क्या लक्षण हैं ? इससे बचने के क्या उपाय होते हैं ? तथा इसके होने पर इसकी क्या चिकित्सा करनी चाहिए ?
यकृतवृद्धि / Hepatomegaly / Fatty Liver / NALFD / Hepatic Steatosis रोग के सामान्य लक्षण -
1. हमारे पेट के ऊपरी दाएं भाग की ओर पसलियों के नीचे दर्द होता हैं । प्रायः यह दर्द पेट के मध्य उपरी भाग में भी स्थानांतरित हो जाता हैं ।
2. शरीर में भूख की कमी ।
3. भोजन करने पर , पेट में भारीपन , गैस और अपचन / Indigestion की स्थिति बनी रहती हैं ।
4. भोजन से पूर्व अथवा भोजन करने पर अथवा निरंतर उबकाई / Nausea की स्थिति अथवा उल्टी / Vomating होती रहती हैं ।
5. Liver Enlargement / यकृत के आकार में वृद्धि हो जाती हैं ।
6. शरीर में Cholesterol / कोलेस्ट्रॉल की मात्रा आवश्यकता से अधिक हो जाती हैं , जिसके फलस्वरूप Blood Pressure / ब्लड प्रेशर और Cardiopathy / हृदय रोग होने की भी उपद्रव के रूप में संभावना बन जाती हैं।
7. अन्ततः यकृत कोशिकाएं मृत / Liver Failure की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं ।
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यकृतवृद्धि / Hepatomegaly / Fatty Liver / NAFLD / Hepatic Steatosis रोग के सामान्य की चिकित्सा एवं चिकित्सा सिद्धांत -
1. आहार / भोजन में रेशेदार सब्जी और सलाद जैसे खीरा , गाजर , चुकंदर , मूली , अदरक , शलजम , आंवला , लौकी , करेला आदि हरी सब्जियों का सतत सेवन करें ।
2. आलू , मिठाई , चावल , राजमा , उड़द , छोले जैसी दालों का सेवन ना करें ।
3. दिनचर्या में चॉकलेट , कोल्ड ड्रिंक , फास्ट - फूड जैसे - चाऊमीन , बर्गर , स्प्रिंग रोल , मैदे से बने व्यंजनों का सेवन ना करें ।
4. ठंडे पानी का सेवन पीने के लिए ना करें , अपितु नींबू तथा सेंधा नमक युक्त गर्म जल का ही सेवन करें ।
5. दूध अथवा दूध से निर्मित दही , घी , पनीर आदि का कम प्रयोग करें ।
6. चिकनाई युक्त आहार / भोजन और मसालेदार भोजन का सेवन ना करें ।
7. प्रतिदिन 2-3 गिलास , तिल तेल में हींग - जीरा - अजवाइन - मेथी - धनिया आदि से छोंक लगा हुआ मट्ठे / Butter milk का सेवन करें ।
8. रात्रि में सोते समय नींबू युक्त गर्म पानी के गिलास के साथ सत्त ईसबगोल अथवा त्रिफला का एक से डेढ़ चम्मच निरंतर सेवन करें ।
9. प्रतिदिन ज्वार - बाजरा और गेहूं से निर्मित मिश्रित आटे से बनी रोटी का ही सेवन करें ।
10. प्रातःकाल , रात को 5 -6 भीगी हुई लहसुन की कलियों का छिलका उतारकर , बारीक काटकर दो गिलास पानी के साथ शौचक्रिया से पहले सेवन करें ।
11. प्रात:काल 2 - 4 किलोमीटर तेज गति से मॉर्निंग वॉक पर जाएं या घर पर रहकर निरंतर आधे घंटे के लिए व्यायाम , योग आदि जरूर करें ।
12. Cholesterol / कोलेस्ट्रोल आदि को कम करने वाली कफशामक और मेदधातुशामक औषधियों जैसे - कांचनार , शुण्ठी , पिप्पली , काली मिर्च , दालचीनी , आंवला , चित्रक , हल्दी , अर्जुन , गुग्गुल आदि एकल औषधियों अथवा इनसे निर्मित योगो का आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श उपरांत सतत सेवन करें ।
13. यकृत अथवा Liver Good Health हेतु हितकारी आयुर्वेदिक औषधियां जैसे - अमृता (गिलोय) , पुनर्नवा , कालमेघ , किराक्ततिक्त (चिरायता) , चित्रक , कुटकी , भृंगराज , घृत कुमारी , ताम्र भस्म आदि का एकल रूप में अथवा इन औषधियों से निर्मित योगो का आयुर्वेद चिकित्सक के परामर्श उपरांत सतत प्रयोग करें ।
उपरोक्त उपायों को इस्तेमाल कर बहुत हद तक आप यकृतवृद्धि / Hepatomegaly / Fatty Liver NAFLD / Hepatic Steatosis रोग और इसके उपद्रव से मुक्ति पा सकती हैं , किंतु अगर फिर भी आप इस रोग से ग्रस्त ही रहतीं हैं तो शीघ्र ही अपने Family Physician / काय रोग विशेषज्ञ या किसी कुशल , प्रशिक्षित , अनुभवी “ आयुर्वेद चिकित्सक ” से परामर्श लेकर, स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
धन्यवाद ।
Note - उपरोक्त लेख , केवल “ स्वास्थ्य जन जागरूकता ” के उद्देश्य से लिखा गया हैं , जिसमें किसी भी प्रकार की निजी अथवा चिकित्सीय त्रुटि हेतु लेखक क्षमा प्रार्थी हैं।
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